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✨ परिचय
नवरात्रि का सातवाँ दिन माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप – माँ कालरात्रि की पूजा को समर्पित है। माँ का यह रूप अत्यंत उग्र और भयावह दिखाई देता है, परंतु भक्तों के लिए यह असीम करुणा और संरक्षण का प्रतीक हैं। माँ कालरात्रि को “शुभंकरी” भी कहा जाता है क्योंकि यह भक्तों को हर प्रकार के भय, शत्रु और बुरी शक्तियों से मुक्त कर जीवन में शुभता और मंगल लेकर आती हैं।
📖 माँ कालरात्रि की कथा
कथाओं के अनुसार, असुरों और राक्षसों के आतंक से पृथ्वी त्रस्त हो उठी थी। देवताओं की प्रार्थना पर माँ दुर्गा अपना उग्र स्वरूप धारण कर कालरात्रि के रूप में प्रकट हुईं। उनका रंग घनघोर काला है, बाल बिखरे हुए हैं, गले में माला है और उनका वाहन गधा (गर्दभ) है।
Goddess Kalratri के हाथों में लोहे का खड्ग और वज्र है, जबकि एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है। कहते हैं कि उन्होंने शुंभ-निशुंभ, रक्तबीज और कई असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की।
इस कारण से Goddess Kalratri को असुरों की संहारक और भक्तों की रक्षक देवी माना जाता है।
🙏 माँ कालरात्रि की पूजा विधि (Puja Vidhi)
सातवें दिन Goddess Kalratri की पूजा करने से जीवन में भय और बाधाओं का नाश होता है। पूजा विधि इस प्रकार है:
स्नान एवं संकल्प – प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें। मन को शुद्ध करें और पूजा का संकल्प लें।
माँ की स्थापना – माँ कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
सामग्री अर्पण –
लाल फूल, गंध, धूप और दीप अर्पित करें।
गुड़ या शहद का भोग चढ़ाएँ।
नवरात्रि व्रतधारी इस दिन गुड़ से बनी चीज़ें भी दान कर सकते हैं।
मंत्र जाप – माँ कालरात्रि के मंत्रों का जप करें।
आरती – माँ की आरती करें और भय, रोग तथा शत्रुओं से मुक्ति की प्रार्थना करें।
ध्यान और ध्यान साधना – इस दिन साधक ध्यान में बैठकर माँ का ध्यान करें तो उसे सिद्धियाँ और शक्ति प्राप्त होती है।
🌼 माँ कालरात्रि पूजा का महत्व
जीवन से भय और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
भक्त को आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति मिलती है।
साधक को आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
ग्रह दोष और कालसर्प दोष जैसे कष्ट भी दूर होते हैं।
👉 “अगर आप जानना चाहते हैं कि भारत के अलग-अलग राज्यों में नवरात्रि कैसे धूमधाम से मनाई जाती है, तो हमारा पूरा आर्टिकल यहाँ पढ़ें – Navratri 2025: Epic & Divine Celebration in India.”
🎨 सातवें दिन का शुभ रंग
नवरात्रि के सातवें दिन नीला (Blue) रंग पहनना शुभ माना गया है। यह रंग शक्ति, शांति और स्थिरता का प्रतीक है। इस दिन नीले रंग के वस्त्र धारण कर माँ कालरात्रि की आराधना करने से मन स्थिर होता है और साधक को आंतरिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
🕉️ माँ कालरात्रि मंत्र
“ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥”
या विस्तृत ध्यान मंत्र:
“एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥”
🌺 माँ कालरात्रि की आरती
जय कालरात्रि माँ अम्बे जय महाशक्ति,
तेरे चरणों में है श्रद्धा, भक्तों की भक्ति।
रक्तबीज संहारिणी, अंधकार विनाशिनी,
भय को हरने वाली, भक्तों की त्राणकारिणी॥
जय कालरात्रि माँ अम्बे जय महाशक्ति…
💫 निष्कर्ष
नवरात्रि का सातवाँ दिन आध्यात्मिक शक्ति और भयमुक्त जीवन की ओर ले जाता है। माँ कालरात्रि की पूजा से भक्त सभी संकटों से पार पाता है और जीवन में साहस, स्थिरता और आत्मविश्वास आता है।
🌸 इस नवरात्रि माँ कालरात्रि आपके जीवन से सभी संकटों और भय का नाश कर, आपको सुख, समृद्धि और शक्ति का आशीर्वाद प्रदान करें। Navratri का Day 7 माँ Kalratri को समर्पित है। इस दिन की पूजा हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और डर दूर करने की शक्ति लाती है। अगर आपने अभी तक पिछले दिनों की पूजा और कथा नहीं पढ़ी, तो इन्हें जरूर देखें:
📌 पढ़ें पिछले 6 दिन की Navratri पूजा:
Day 1: Maa Shailputri की पूजा विधि, कथा और महत्व
Day 2: Maa Brahmacharini की पूजा विधि, शक्तिशाली मंत्र और महत्व
Day 3: Maa Chandraghanta की पूजा विधि, महत्व और शुभकामनाएँ
Day 4: Maa Kushmanda की पूजा विधि, मंत्र और महत्व