🌸 “Navratri Day 6 2025: माँ कात्यायनी की Incredible कथा, Powerful मंत्र और महत्व” 🌸

✨ परिचय

नवरात्रि का छठा दिन माँ दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी को समर्पित है। इन्हें शक्ति और पराक्रम की देवी माना जाता है। यह रूप विशेष रूप से साहस, न्याय और धर्म की रक्षा का प्रतीक है। मान्यता है कि माँ कात्यायनी की कृपा से साधक को विजय, सम्मान, ऐश्वर्य और विवाह संबंधी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। अविवाहित कन्याएँ माँ की आराधना करके मनचाहा वर प्राप्त करती हैं।

“Navratri 2025 Day 6 Maa Katyayani Puja”
“माँ स्कंदमाता पूजा विधि – Navratri 2025 पाँचवां दिन”

📖 माँ कात्यायनी की कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने देवी दुर्गा की कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया। इसलिए इनका नाम पड़ा – कात्यायनी

कथाओं में वर्णित है कि राक्षसों के अत्याचार से त्रस्त देवताओं ने त्रिमूर्ति – ब्रह्मा, विष्णु और महेश से प्रार्थना की। उनकी सम्मिलित शक्तियों से एक दिव्य तेज उत्पन्न हुआ, जिससे माँ दुर्गा का छठा रूप प्रकट हुआ। माँ कात्यायनी ने दैत्यराज महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त किया।

“इसी कारण Navratri 2025 Day 6 की अधिष्ठात्री देवी माँ कात्यायनी को असुर-संहारिणी और धर्म की पुनः स्थापना करने वाली देवी कहा जाता है।”

🙏 माँ कात्यायनी की पूजा विधि (Puja Vidhi)

छठे दिन माँ की पूजा करने का विशेष महत्व है। पूजा विधि इस प्रकार है:

स्नान एवं संकल्प – प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

माँ की प्रतिमा/चित्र स्थापना – माँ कात्यायनी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।

कलश स्थापना – जल से भरे कलश पर आम्रपल्लव और नारियल रखें।

सामग्री अर्पण –

पीले या लाल फूल चढ़ाएँ।

सुगंधित धूप, दीपक जलाएँ।

शहद का भोग अर्पित करें (माँ कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है)।

मंत्र जाप – माँ का ध्यान करते हुए मंत्रों का जप करें।

आरती एवं प्रार्थना – श्रद्धा से माँ की आरती करें और परिवार, सुख-समृद्धि व मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें।

कन्या पूजन (वैकल्पिक) – अविवाहित कन्याओं को भोजन कराना और भेंट देना माँ की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन माना गया है।

“Maa Katyayani Navratri 2025 Day 6 Divine Puja and Benefits”

🌼पूजा का महत्व

अविवाहित कन्याओं के लिए माँ कात्यायनी की पूजा विशेष फलदायी होती है।

विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

भक्त को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।

साधक का मन स्थिर होकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

रोग, शत्रु और भय से मुक्ति मिलती है।

“Navratri Day 6 2025 Maa Katyayani Image for Puja and Story”

🎨 छठे दिन का शुभ रंग

नवरात्रि के छठे दिन गुलाबी (Pink) रंग पहनना अत्यंत शुभ माना गया है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और सौम्यता का प्रतीक है। इस दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनकर माँ की आराधना करने से रिश्तों में मिठास और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

🕉️ माँ कात्यायनी मंत्र

माँ की कृपा पाने के लिए निम्न मंत्र का जाप करें :

“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥”

या विवाह की बाधाओं को दूर करने हेतु यह विशेष मंत्र :

“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥”

🌺 माँ कात्यायनी की आरती

जय कात्यायनी माँ जय महाशक्ति,
तेरे चरणों में भक्तों की भक्ति।
सिंह पर विराजे शेरों वाली,
महिषासुर मर्दिनी त्रिशूल धारी॥
जय कात्यायनी माँ जय महाशक्ति…

💫 निष्कर्ष

नवरात्रि का छठा दिन भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है। माँ की पूजा से भक्त को शक्ति, साहस और आत्मविश्वास मिलता है। अविवाहित कन्याओं के विवाह संबंधी संकट दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

🌸 इस नवरात्रि माँ आपके जीवन से सभी दुख-दर्द दूर करें और आपको शक्ति, स्वास्थ्य, समृद्धि तथा मंगलमय जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। 🌸

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