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✨ परिचय
नवरात्रि का तीसरा दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। माँ का यह रूप शांति, साहस और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटा शोभित होती है, जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से जीवन से भय और कष्ट दूर होते हैं तथा भक्तों को शक्ति, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री और दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। यदि आपने उनके बारे में नहीं पढ़ा है तो पहला दिन यहाँ देखें और दूसरा दिन यहाँ पढ़ें।
माँ चंद्रघंटा की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ, तब उन्होंने अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किया, जो घंटा के आकार का था। इसी कारण वे माँ चंद्रघंटा कहलायीं।
माँ का वाहन सिंह है और उनके दस हाथों में अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र सुशोभित हैं। एक ओर वे दुष्टों का संहार करती हैं, तो दूसरी ओर अपने भक्तों पर ममता, शांति और करुणा की वर्षा करती हैं। माँ की आराधना करने से भक्तों को साहस और निडरता प्राप्त होती है।
इस दिन आप माँ की आराधना करके अपने जीवन में साहस और सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
यदि आप नवरात्रि के बारे में और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो आप इसे यहाँ पढ़ सकते हैं।
नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि
माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि सरल किन्तु अत्यंत पवित्र मानी जाती है। पूजा का क्रम इस प्रकार है –
- प्रातः स्नान करके घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
- स्वच्छ लाल या पीले कपड़े पर माँ की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएँ और धूप-अगरबत्ती अर्पित करें।
- माँ को लाल फूल, गेंदे के फूल, चावल और अक्षत अर्पित करें।
- नैवेद्य के रूप में दूध, मिश्री, मिठाई और गुड़ अर्पित करें।
- श्रद्धा भाव से दुर्गा चालीसा, माँ की आरती और मंत्र का पाठ करें।
- अंत में आरती उतारकर शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।
🌸प्रेरणादायक सुविचार और शुभकामनाएँ
- “माँ चंद्रघंटा आपकी हर मनोकामना पूर्ण करें। 🌸 नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “माँ की भक्ति से आपके जीवन में सुख-शांति आए। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “माँ की कृपा से भय और दुख दूर हों। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “नवरात्रि के इस पावन अवसर पर आपको माँ का आशीर्वाद मिले। हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “माँ चंद्रघंटा आपके जीवन में धन-धान्य और समृद्धि का संचार करें। 🌸 नवरात्रि की शुभकामनाएं।”
- “आपके घर आँगन में माँ की कृपा से खुशियों का वास हो। 🙏 शुभ नवरात्रि।”
- “माँ चंद्रघंटा की दिव्य शक्ति आपके जीवन को सुख-समृद्धि से भर दे। 🌺 नवरात्रि की शुभकामनाएं।”
- “हर दिन आपके जीवन में खुशियों की बहार लाएं। शुभ नवरात्रि।”
- “माँ का आशीर्वाद आपको साहस और निडरता प्रदान करे।”
- “भय मिटे, आत्मविश्वास बढ़े – माँ चंद्रघंटा आप पर कृपा करें। शुभ नवरात्रि।”
- “माँ चंद्रघंटा की साधना से जीवन में नया उत्साह और उमंग आए। 🙏 नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “आपके घर में माँ चंद्रघंटा की कृपा से शांति और सौहार्द बना रहे। 🌺 हार्दिक शुभकामनाएं।”
- “माँ की आराधना से आपके जीवन में सकारात्मकता और संतुलन का वास हो। 🌼 शुभ नवरात्रि।”
- “नवरात्रि का तीसरा दिन आपको शांति, सुख और मंगलता प्रदान करे। ✨ शुभकामनाएं।”
- “माँ की कृपा से जीवन से हर दुख दूर हो और आनंद छा जाए। 🌸 शुभ नवरात्रि।”
- “माँ चंद्रघंटा आपके परिवार पर सदा अपना आशीर्वाद बनाए रखें। 🙏 नवरात्रि की शुभकामनाएं।”
- “माँ चंद्रघंटा की आराधना से आपको जीवन में हर कदम पर सफलता मिले। शुभ नवरात्रि।”
- “सुख, शांति और समृद्धि आपके जीवन में सदैव बनी रहे। ✨ शुभ नवरात्रि।”
- “नवरात्रि का यह पावन अवसर आपके जीवन को सुख-समृद्धि से रोशन कर दे। शुभ नवरात्रि।”
- “आपके जीवन में साहस, शक्ति और शांति का संचार करें।”
🎨 नवरात्रि के तीसरे दिन का रंग
इस दिन का शुभ रंग है रॉयल ब्लू (गाढ़ा नीला)। यह रंग धन, शांति और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है। भक्त इस रंग के वस्त्र पहनकर माँ की पूजा करें तो माँ का आशीर्वाद विशेष रूप से प्राप्त होता है।
🌺 पूजा का महत्व
भय, चिंता और नकारात्मकता का नाश होता है।
जीवन में साहस, आत्मविश्वास और संतुलन आता है।
भक्त को धन-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है।
शत्रुओं और बाधाओं से रक्षा होती है।
नवरात्रि के उपवास नियम (Day 3)
जो लोग उपवास रखते हैं, वे इस दिन फलाहार, दूध, साबूदाना, सूखे मेवे और सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं।
अन्न और प्याज-लहसुन का सेवन वर्जित है।
दिनभर मन को माँ की भक्ति में लगाएँ और सात्विक आहार ग्रहण करें।
शाम को संध्या आरती एवं भजन करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
🌼 माँ चंद्रघंटा की आरती
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
चंद्रघंटा विराजत, तिनकुण्डल शोभित।
विग्रह अति सुंदर, अधर नयन शोभित॥
(आरती पूर्ण करके भक्त प्रसाद ग्रहण करें।)
🕉️ माँ चंद्रघंटा मंत्र
ध्यान मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
बीज मंत्र
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः॥
इन मंत्रों का जप करने से मन से भय दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🌟 माँ चंद्रघंटा मंत्र जाप के लाभ
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।
मानसिक तनाव और भय समाप्त होता है।
आत्मबल और एकाग्रता बढ़ती है।
धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. माँ चंद्रघंटा किस दिन पूजी जाती हैं?
👉 नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
Q2. तीसरे दिन का शुभ रंग कौन सा है?
👉 इस दिन रॉयल ब्लू रंग पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
Q3. माँ चंद्रघंटा की पूजा से क्या फल मिलता है?
👉 भय और दुख दूर होकर साहस, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Q4. क्या उपवास में दूध और फल खा सकते हैं?
👉 हाँ, फलाहार, दूध, साबूदाना और सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है।
निष्कर्ष
नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा की उपासना का दिन है। माँ की आराधना करने से जीवन से भय और दुख दूर होकर साहस, शक्ति और समृद्धि का संचार होता है। इस पावन अवसर पर माँ आप और आपके परिवार को खुशियाँ, शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करें।